मोतिहारी(दिव्यांशु रमण)। वर्ष 2002 में जब लालू प्रसाद यादव की बिहार में सरकार थी तब मोतिहारी में भी अपराधी बढ़चढ़ के रंगदारी वसूलने में जुटे थे, हालांकि पुलिस ने तब कई बड़े गैंगस्टरों को दबोच कर सलाखों के पीछे भेज दिया , उनमें से एक कमरुद्दीन मियां का नाम भी शामिल है लेकिन कमरुद्दीन ज्यादा दिनों तक सलाखों के पीछे नही रह सका और कोर्ट कैंपस से फरार हो गया।
कमरुद्दीन 2002 के पहले तेजी से व्यवसायी प्रतिष्ठानों पर रंगदारी के लिये बम फोड़कर दहशत मचाने के लिये माहिर माना जाता था. अपराध की दुनिया मे आने के पूर्व कमरुद्दीन फुटबाल का कुशल खिलाड़ी और एक कुशल मोटरसाइकिल मिस्त्री हुआ करता था, जिसे रुपये के लालच ने अपराध की दुनिया मे जाने को प्रेरित किया था. गोविंदगंज के पूर्व बाहुबली विधायक देवेंद्र दुबे के शागिर्दों की हत्या और व्यसायियो से रंगदारी के कारण वो सुर्खियों में आया था, इस दौरान इसने एक के बाद एक करीब दो दर्जन से अधिक अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया था.
19 वर्षों से फरार चल रहे इस अपराधी को गिरफ्तार करने की कोशिश तो पुलिस कर ही रही थी लेकिन वह हर बार बच निकलता था , 2002 से 2020 के 1 जनवरी तक कई पुलिस कप्तान भी बदले लेकिन कमरुद्दीन नही पकड़ा गया। 3 जनवरी 2020 को नवीन चंद्र झा ने मोतिहारी एसपी के रूप में योगदान लिया। जिले में बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाना और वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात को दबोच कर सलाखों के पीछे भेजना एक बड़ी चुनौती थी एसपी नवीन चंद्र के सामने। नवीन चन्द्र झा ने इसके लिए एक विशेष टीम गठित किया और पुलिस ने कुख्यात कमरुद्दीन का लोकेशन ट्रैक कर लिया, मुंबई पुलिस के सहयोग से मोतिहारी पुलिस ने कमरुद्दीन को नासिक से गिरफ्तार कर लिया। हाल में ही कमरुद्दीन मियां एक मासूम के अपहरण के मामले में जेल से छुटा था।
एसपी नवीन चंद्र झा के अनुसार मोतिहारी सिविल कोर्ट से 2002 में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर मुम्बई भाग गया था जिसके बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस के अनुशंधान विभाग की टीम ने इसे मुम्बई पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लाया है. कमरूद्दीन पर पूर्वी चंपारण के मोतिहारी नगर के अलावे तुरकौलिया, अरेराज, हरसिद्धि थाना में लूट, हत्या, फिरौती के लिए अपहरण और रंगदारी के संगीन मामले दर्ज हैं.