पटना. बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसी शख्सियत हैं जिनके एजेंडे पर ही वर्ष 2015 में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने भी चुनाव लड़ा था. मोटे तौर पर माना जाता है कि उनके एजेंडे को मानकर ही प्रदेश में बीजेपी भी अपनी राजनीति करती है. लेकिन, अब उन्हें अपने ही कुनबे से चुनौती मिल रही है. दरअसल एनडीए की घटक लोक जन शक्ति पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए संकल्प लॉन्च कर दिया है. पार्टी ने बिहार, दिल्ली और मुंबई के महत्वपूर्ण अख़बारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाते हुए यह आह्वान किया है कि नया बिहार और युवा बिहार बनाने के लिए सभी बिहारी भाइयों-बहनों को युवा बिहारी चिराग पासवान के साथ चलना होगा.
इस विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यही समय है जब बिहार के अस्मिता की लड़ाई सभी बिहारी को लड़नी होगी ताकि हम सब बिहार पर नाज़ कर सकें. लोक जनशक्ति पार्टी सभी जाति धर्म में आस्था रखती है और सभी को हमेशा से साथ लेकर चली है. विज्ञापन में धर्म ना जात, करें सबकी बात पार्टी के पुराने टैग लाइन को दोहराया है. जाहिर है इसे अब सीधे तौर पर सीएम नीतीश के लिए ही चुनौती मानी जा रही है. हालांकि इस मुद्दे को लेकर हाल में एनडीए में शामिल हुए जीतन राम मांझी ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि लोजपा जेडीयू के खिलाफ ना जाये वरना मैं खड़ा हूं.
मांझी ने कहा कि लोजपा अगर जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेगा तो वैसी सभी लोजपा की सीट के खिलाफ मेरा उम्मीदवार होगा. नीतीश के खिलाफ लोजपा की बगावत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चिराग आवाज उठाएंगे तो जवाब मैं दूंगा. मांझी ने कहा कि रामविलास पासवान ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया है. मांझी ने कहा कि सिर्फ फायदे के लिए मैं काम नहीं करता. मुझे एनडीए में राज्यपाल बनाया जा रहा था पर नहीं बना. मांझी ने यह भी कहा कि इस बार चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार जैसा चाहेंगे वैसा करेंगे.
बहरहाल एनडीए में मची इस रार पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जीतन राम मांझी को डूबती नैया बताते हुए कहा कि मांझी जी नीतीश के साथ खड़े तो हो गए, लेकिन उनकी नैया की पतवार जनता ने ही जब्त कर ली है. एनडीए में किस तरह आग लगेगी ये देखना बाकी है क्योंकि एनडीए के घर के चिराग से आग लगनी तय है.