BIHAR: नेपाल में भारी बारिश के बाद उफनाईं नदियां उत्तर बिहार के जिलों में तबाही मचाने लगी हैं। मंगलवार को चंपारण, तिरहुत और मिथिलांचल के इलाकों में बाढ़-कटाव का संकट और गहरा गया। वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में रिकार्ड सवा चार लाख क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज के बाद गंडक दियारावर्ती इलाकों में बेकाबू होने लगी है। बागमती, बूढ़ी गंडक, लखनदेई, मनुषमारा के साथ साथ अधवारा समूह की नदियां भी तबाही मचा रही हैं। नये इलाकों में पानी प्रवेश करने का सिलसिला जारी है। कई एनएच और प्रमुख सड़क मार्गों पर पानी चढ़ने से आवागमन बाधित हो गया है। हजारों बाढ़ विस्थापित तटबंधों, एनएच और अन्य ऊंचे स्थलों पर तंबू गाड़ अब बाढ़ के गुजरने का इंतजार कर रहे हैं।
पश्चिम चंपारण में पिपरासी, मधुबनी, ठकराहां, बैरिया, नौतन के इलाके में गंडक से स्थिति विकट हो गई है। नरकटियांगज-बेतिया मार्ग में सतविरया के पास सिकरहना का पानी मुख्या सड़क पर बह रहा है। लौरिया में अशोक स्तंभ के पास उफनाती सिकरहना के पानी में एक युवक बह गया। पूर्वी चंपारण में गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर हो गया है। आदापुर में कोरैया एसएसबी कैंप बाढ़ से घिर गया है तो संग्रामपुर, केसरिया, मधुबन, सुगौली, आदापुर, तेतरिया के गांव बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं। सगौली प्रखंड के छह वार्डों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रखंड मुख्यालय से गांवों का संपर्क भंग हो गया है। आदापुर एसएसबी कैंप बाढ़ के पानी से घिरा है। श्यामपुर ढाला के पास तीन फुट पानी बह रहा है। पताही में बागमती का जलस्तर बढ़ने से दूसरे दिन भी मोतिहारी-शिवहर का सड़क संपर्क भंग रहा।
वहीं मुजफ्फरपुर में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती व लखनदेई खतरे के निशान से ऊपर रही। औराई, कटरा व पारू में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। सैकड़ों लोगों ने बांध व सड़क पर शरण ले लिया है। शहर के निचले हिस्से में करीब दो दर्जन मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।